Tuesday, December 16, 2014

परवरिश में छुपा है बेहतर भविष्य

अभिभावक के रूप में आप कैसी हैं, इसका असर बड़े होने पर आपके बच्चे की पर्सनैलिटी पर पड़ सकता है। बच्चे के पालन-पोषण में खास सतर्कता बरतें ताकि आपका प्यार-दुलार बच्चे का भविष्य संवारे।
जब बच्चा इस दुनिया में आता है, तो दुनिया को वह अपने माता-पिता की नजरों से देखता है। वह उन सभी चीजों को अपनाने की कोशिश करता है, जो उसे अपने अभिभावक में नजर आती हैं। बच्चे और अभिभावक के बीच का यह रिश्ता बच्चे की जिंदगी का आधार रखने का काम करता है। और बच्चे को बेहतर परवरिश देने की यही कला पेरेंटिंग कहलाती  है।
क्या है पेरेंटिंग
पेरेंटिंग एक पोषण की तरह है, जो छोटे-से पौधे को विशालकाय पेड़ में तब्दील करने के लिए जरूरी है। आपका बच्चा बेहतर वयस्क बने, इसके लिए जरूरी है कि आप उसका पालन-पोषण बेहतर तरीके से करें। उसे बड़े होने के लिए एक सुखद व खुशनुमा माहौल दें, उसे अनुशासन सिखाएं, उसकी गलतियां बताएं, वक्त आने पर शाबाशी भी दें और सबसे जरूरी बात, उसे एक ऐसा माहौल दें कि वह समाज के लिए उपयोगी साबित हो सके। आप बचपन में उसके जीवन का जैसा आधार रखेंगें , उसका भविष्य भी उसी के अनुरूप होगा।
चाइल्ड काउंसलर बेला राजा के मुताबिक, अगर किसी अभिभावक का पेरेंटिंग स्टाइल नकारात्मक है, तो उसका बच्चे पर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
वहीं, सकारात्मक और अच्छी पेरेंटिंग से बच्चे के शानदार भविष्य का आधार तैयार हो सकता है। एक अच्छी परवरिश वह है, जहां अभिभावक बच्चे की जरूरत और भावनाओं की उतनी ही कद्र करते हैं, जितनी कद्र बच्चा अपने अभिभावक की करता है। एक अच्छा अभिभावक वह है, जो अपने बच्चे के आत्मविश्वास को बढ़ाने की कोशिश हमेशा करता है और साथ ही उसके छोटे-से-छोटे डर को दूर भगाने की कोशिश करता है ताकि बच्चे को एक बेहतरीन माहौल में बड़ा होने का मौका मिल सके।
विकसित करें अपना पेरेंटिंग स्टाइल
आप अपने बच्चे का पालन-पोषण ठीक उसी तरीके से करें, जैसा पालन-पोषण आपका हुआ है। फैमिली एंड चाइल्ड डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट डॉं. गेल ग्रॉस के मुताबिक पेरेंटिंग स्टाइल में टकराव तब उत्पन्न होने लगता है, जब पति-पत्नी का पालन-पोषण अलग-अलग तरीके से हुआ हो। बच्चे के पालन-पोषण को लेकर पति-पत्नी में लड़ाई होना, असल में पेरेंटिंग के अलग-अलग तरीकों के बीच का टकराव होता है। बच्चे की बेहतर परवरिश के लिए पहले आपको इस आपसी टकराव को दूर करना होगा। किसी एक खास पेरेंटिंग स्टाइल को अपनाकर आप बच्चे को बेहतर परवरिश नहीं दे सकतीं। बेहतर यह होगा कि अपने जीवनसाथी से बातचीत कर आप लोग अपना एक अलग पेरेंटिंग स्टाइल विकसित करें, जो आपके बच्चे को बेहतर भविष्य दे सके। जब आप लोग अपना पेरेंटिंग स्टाइल विकसित कर लें, तो उसे ही हमेशा अपनाएं, ताकि बच्चा किसी उलझन में न पड़े।
पहचानिए अपना स्टाइल 
बच्चे के पालन-पोषण का तरीका उतना ही अलग-अलग है, जितना अलग बच्चों का स्वभाव होता है। इस क्विज में हिस्सा लीजिए और जानिए क्या है आपकी पेरेंटिंग स्टाइल?
1. बच्चा आपकी मां के हाथों की बनाई खीर खाने से मना कर देता है, आप क्या करती हैं?
क. बच्चे की बात मान लेंगी और उसे खेलने के लिए जाने देंगी।
ख. जबर्दस्ती उसे खीर खिलाएंगी।
ग. बच्चे से बात करेंगी और उसे घर का नियम याद दिलाएंगी कि उसे कम-से-कम दो चम्मच तो खीर खानी ही होगी।
2. आप बच्चे के साथ शॉपिंग कर रही हैं और बच्चा चॉकलेट और आइसक्रीम की जिद करने लगे, तो आप क्या करेंगी ?
क. उसे चॉकलेट व आइसक्रीम देंगी।
ख. बच्चे का हाथ पकड़ेंगी और तुरंत दुकान से बाहर निकल जाएंगी।
ग. बच्चे को बताएंगी कि उसे यह चीज नहीं दी जाएगी।
3. बच्चा किसी चीज के लिए जिद कर रहा है। वो चीख रहा है और जमीन पर लेट रहा है, आप क्या करेंगी?
क. उसकी जिद पूरी कर देंगी, आप उसे रोता हुआ नहीं देखना चाहतीं।
ख. आपका मूड खराब हो जाएगा और चुप रहने के लिए उस पर चीखेंगी।
ग. बच्चे को कुछ नहीं कहेंगी। कुछ देर बाद जब वह खुद शांत हो जाएगा तो उसे वही जवाब देंगी, जिसकी वजह से उसका मूड खराब हुआ था।
4. बच्चा बदतमीजी कर रहा है। स्कूल से भी शिकायतें आ रही हैं, आप क्या करेंगी?
क. ध्यान नहीं देंगी, बच्चे ऐसा करते ही हैं।
ख. बच्चे को सजा देंगी।
ग. बच्चे से बात करेंगी और जानना चाहेंगी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है।
5. बच्चे ने पूरे घर में अपना खिलौना बिखेर दिया है, आप क्या करेंगी?
क. खिलौनों को रखने में मदद करेंगी।
ख. उस पर चिल्लाएंगी और तुरंत सफाई करने के लिए कहेंगी।
ग. बच्चे को तय समय में खिलौने जगह पर रखने के लिए कहेंगी, वरना आप उसे पार्क लेकर नहीं जाएंगी।
परिणाम
आपके अधिकांश जवाब क्या रहे हैं- क, ख या ग? सबसे ज्यादा आपने जिस विकल्प को चुना है, वही आपका पेरेंटिंग स्टाइल है।
अधिकांश क- आपकी पेरेंटिंग स्टाइल छूट देने वाली है। बच्चे के साथ आपका व्यवहार वयस्क की तरह होता है। बच्चे को निर्णय लेने देती हैं, उसके ऊपर कोई नियम नहीं थोपतीं। ऐसे बच्चों को भविष्य में नियम-कायदों को अपनाने में दिक्कत होती है।
अधिकांश ख- आपकी पेरेंटिंग स्टाइल सत्तावादी है। आप बच्चे पर अपने नियम थोपती हैं, पर बदले में उसे कुछ नहीं देती हैं। संभव है कि आपका बच्चा जब बड़ा हो तो उसमें आत्मविश्वास की कमी हो और उसे अपने निर्णय लेने में परेशानी हो।
अधिकांश ग- आपकी पेरेंटिंग स्टाइल अनुशासनात्मक है। बच्चे से आपकी ढेर सारी अपेक्षाएं हैं, पर बदले में आप भी उसे बहुत कुछ देती हैं। बच्चे के साथ आपका रिश्ता सम्मान पर आधारित है। बच्चे की राय को भी तवज्जो देती हैं, पर अंतिम निर्णय वही लेती हैं, जो बच्चे के लिए सही हो।

साभार हिंदुस्तान 

prathamik shikshak

pathak diary