कटाक्ष..
शिक्षा शिक्षक शिक्षार्थी..भेड़ बकरी गाय..
एक
बार एक प्रदेश के C.M और विपक्ष के नेता साथ साथ दौरे पर निकले । पहले एक जेल पड़ी, उसका मुआयना किया और
जेलर से पूछा कितनी ग्रांड चाहिए ?
जेलर- कुछ विशेष नहीं सब ठीक चल रहा है
C.M- फिर भी ।
जेलर - आप देना ही चाहते है तो 5 lakh रुपया दे दीजिए
P.A ने नोट किया ।
आगे बढ़े तो एक स्कूल पड़ा वहाँ जा कर प्रिन्सिपल से भी वही बात पूछी । प्रिन्सिपल लगे रोने और कहा कि सर ना तो स्टाफ़ है, विद्यालय भवन जर्जर है, ना फ़र्निचर और ना लैब में समान है । C.M ने डाँटा रो मत बताओ कितनी ग्रांड चाहिए ?
प्रिन्सिपल - कम से कम 50 lakh
जेलर- कुछ विशेष नहीं सब ठीक चल रहा है
C.M- फिर भी ।
जेलर - आप देना ही चाहते है तो 5 lakh रुपया दे दीजिए
P.A ने नोट किया ।
आगे बढ़े तो एक स्कूल पड़ा वहाँ जा कर प्रिन्सिपल से भी वही बात पूछी । प्रिन्सिपल लगे रोने और कहा कि सर ना तो स्टाफ़ है, विद्यालय भवन जर्जर है, ना फ़र्निचर और ना लैब में समान है । C.M ने डाँटा रो मत बताओ कितनी ग्रांड चाहिए ?
प्रिन्सिपल - कम से कम 50 lakh
P.A ने नोट किया दोनो राजधानी
वापस आ गये ।
अगले दिन C.M ने जेल को 50 lakh और स्कूल को 5 lakh जारी कर दिया इस पर विपक्ष के नेता ने नाराज़ होते हुए कहा की आपने तो उलटा कर दिया । तब C.M ने कहा कि अगर तुम्हारे पास इतनी ही अक़्ल होती तो तुम आज मेरी कुर्सी पर होते ।
विपक्ष के नेता - मतलब ?
अगले दिन C.M ने जेल को 50 lakh और स्कूल को 5 lakh जारी कर दिया इस पर विपक्ष के नेता ने नाराज़ होते हुए कहा की आपने तो उलटा कर दिया । तब C.M ने कहा कि अगर तुम्हारे पास इतनी ही अक़्ल होती तो तुम आज मेरी कुर्सी पर होते ।
विपक्ष के नेता - मतलब ?
C.M - अरे
यार स्कूल ना हमको जाना है ना तुमको जाना है , जेल हमको भी जाना है जेल
तुमको भी जाना है ।
Moral- शिक्षा विभाग एक उपेक्षित
विभाग । कोई भी व्यक्ति भले ही वह खुद घोर भृष्ट हो लेकिन शिक्षकों पर आक्षेप अपना
अधिकार समझता है। और शासन प्रशासन ने शिक्षकों को ज्ञान का प्रेट्रोल पम्प समझ
लिया है कि वह गधों में भी ज्ञान भर देंगे। भले ही छात्र का कोई स्तर न हो न
संसाधन हो,।।
*कुछ इस तरह हावी हो गयी
सियासत शिक्षक के वजूद पर,,*
*अब तो रविवार भी पूछता है
क्या स्कूल नही जाओगे!*
सोशल मीडिया से