Thursday, November 21, 2013

 



टीईटी की मेरिट पर ही टीचर की नौकरी

 

Nov 21, 2013, 06.30AM IST

हाई कोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों में भर्ती का रास्ता किया साफ

प्रमुख संवाददाता, इलाहाबाद

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण आदेश पारित कर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित सवा लाख प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार के 30 नवम्बर, 11 को जारी विज्ञापन को सही माना है। इसके मुताबिक शिक्षकों की भर्ती की मेरिट टीचर्स इलिजबिलिट टेस्ट के मार्क्स के आधार पर तय होगी। कोर्ट ने सरकार व बेसिक शिक्षा बोर्ड से कहा है कि सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया 31 मार्च 2014 तक हर हाल में पूरी कर ली जाए।

कोर्ट ने इस विज्ञापन के तहत सहायक अध्यापकों की भर्ती पर रोक लगाने के एकल पीठ के आदेश को संशोधित करने के साथ भर्ती पर लगी रोक भी खत्म कर दी है। यह आदेश हाईकोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण व जस्टिस विपिन सिन्हा की बेंच ने शिवकुमार पाठक व दर्जनों अभ्यर्थियों की अपीलों पर दिया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा संशोधन नियमावली 2012, संशोधित नियमावली-12 तथा संशोधित के नियमावली 14 (3) को संविधान के अनुच्छेद 14 के विपरीत मानते हुए असंवैधानिक करार दिया। इस संबंध में सरकार की ओर से जारी 31 अगस्त, 2012 के शासनादेश को भी रद्द कर दिया है।

हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार व बेसिक शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह स्कूलों में सहअध्यापकों के चयन व नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करे। कोर्ट के समक्ष प्रमुख रूप से मुद्दा यह था कि प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती 30 नवम्बर, 11 के विज्ञापन पर हो या बाद में जारी शासनादेश 31 अगस्त, 12 के आधार पर। मौजूदा सरकार ने 31 अगस्त, 12 को शासनादेश जारी कर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन करते हुए चयन का आधार शैक्षणिक गुणांक कर दिया था। सरकार का कहना था कि सहायक अध्यापकों की भर्ती में टीईटी प्राप्तांक न्यूनतम योग्यता है, जबकि चयन का आधार शैक्षणिक गुणांक होगा। जबकि विशेष अपील में कहा गया था कि अध्यापकों की भर्ती के लिए 30 नवम्बर 11 का विज्ञापन सही है व भर्ती के लिए निर्धारित की गयी योग्यता टीईटी प्राप्तांक ही होनी चाहिए।

काउंसिलिंग देने वालों का क्या होगा?

कोर्ट से निर्णय आने के बाद ट्रेनी टीचरों की काउंसिलिंग का कोई मतलब नहीं रह गया है। राज्य सरकार ने शैक्षिक मेरिट के आधार पर भर्ती का विज्ञापन ‌ प्रकाशित किया था। सूबे के तमाम बेरोजगारों ने इस भर्ती में हिस्सा लिया था। लेकिन अब टीईटी में अच्छा प्रदर्शन करने वालों के हाथ बाजी लग सकती है। काउंसिलिंग में हिस्सा ले चुके अभ्यर्थियों की फीस का क्या होगा? काउंसिलिंग देने वाले अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी तो भर्ती फिर लटक जाएगी।

फैसला - दर - फैसला

6 दिसंबर 2012- शिक्षक भर्ती के लिए आवेदकों से तीन सौ रुपये के साथ पचास रुपये आवेदन शुल्क लिया जाना चाहिए।

19 जनवरी 2013- शिक्षक बनने की टीईटी अनिवार्यता खारिज। प्रदेश सरकार टीईटी न करने वाले बीएड धारकों के आवेदन स्वीकार करें।

4 फरवरी 2013 - शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर लगाई गई रोक। प्रदेश सरकार से चयन प्रक्रिया पर मांगा गया जवाब।

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728, 25 पद हैं सहायक अध्यापकों के

3 लाख आवेदन निरस्त हो गए थे पड़ताल के बाद

69 लाख आवेदक पाए गए थे पात्र

 

prathamik shikshak

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