Thursday, November 21, 2013


== लिखकर करो अभ्यास हमेशा रहेगा याद ==

कौशलेंद्र प्रपन

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अक्‍सर हम सभी याद की हुई चीजें भूल जाते हैं। खासकर तुम्हें कोई डाटा, फैक्ट्स, सूत्र आदि याद करने में बहुत कठिनाई होती है। उसमें भी इतिहास में ज्यादा। हालांकि यह समस्या केवल एक विषय के साथ नहीं है, बल्कि तकरीबन हर विषय में तुम्हें इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा। तो इसका क्या हल है?

हल :- वह यह कि जो भी विषय पढ़ रहे हो उसके तथ्य, जिसे तुम्हें याद करना है उसकी प्रैक्टिस लिखकर करो। कोई भी सूत्र, तारीखें, वाक्यांश यूं ही हमारी मेमोरी का हिस्सा नहीं हो जाते। यदि तुम चाहते हो कि याद किया हुआ मैटर लंबे समय के लिए हमारी मेमोरी में दर्ज हो जाए तो उसको याद करने का तरीका यही है कि मैटर को कम से कम दो-तीन बार लिखकर अभ्यास करो।

कहा भी तो गया है कि रसरी आवत जात ते सिल पे पड़त निशान। यानी बार- बार रस्सी की आवाजाही से पत्थर जैसी कठोर वस्तु पर भी निशान बन जाता है। तुम्हें पता होगा कि जो चीजें हम बार-बार देखते-सुनते, गुनगुनाते हैं वो हमें अच्छे से याद तो हो ही जाती हैं और हम उन्हें कभी भूल नहीं पाते। जिसे तुम याद करना चाहते हो उसे एक बार पढ़ों, फिर उसे ढक दो, फिर उसे बिना देखे लिखने की कोशिश करो। जब पूरा लिख लो तो फिर कॉपी से मिलान करो कि कितना छूटा और कितना गलत हुआ।

दुबारा इसी प्रक्रिया को दुहराओ। चार या पांच बार के बाद स्थिति यह आएगी कि तुम्हें पूरा का पूरा मैटर याद हो जाएगा। तुम्हें तो याद करना है, उससे संबंधित यदि कोई विजुअल यानी पिक्चर या फोटो हो तो उसे देखने-समझने की कोशिश करो, उससे लिखे हुए टेक्स्ट को याद करने में आसानी होगी। अब तो इंटरनेट के आ जाने से इतनी सहूलियत तो हो ही गई है कि यदि तुम्हारे पास इंटरनेट की सुविधा है तो वहां से संबंधित पिक्चर निकाल सकते हो। याद करने का यह तरीका नायाब है। बार बार लिखकर करो अभ्यास, तो मैटर कभी तुम्हें धोखा नहीं देंगे।

prathamik shikshak

pathak diary