ये हैं दुनिया के ऐसे देश, जो नक्शे पर तो हैं
पर हकीकत में नहीं
क्या आपको पता है कि दुनिया में कुछ ऐेसे भी देश हैं जो नक्शे
पर तो दिखाई देते हैं पर वास्तविकता में उनका कोई अस्तित्व नहीं है। इन देशों की
खुद की सरकार, झंडे और करेंसी
भी हैं लेकिन फिर भी इनका कोई अस्तित्व नहीं है। इनमें से तो कुछ ऐसे भी हैं जो
बायोमेट्रिक पासपोर्ट भी जारी करते हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के भूगोलवेत्ता नीक मिडलटन ने अपनी
पुस्तक 'एन एटलस ऑफ
कंट्रीज दैट डोन्ट एक्जिस्ट' में इन देशों का उल्लेख किया है। आइए जानते हैं ऐसे कौन-कौन
से देश हैं जो नक्शे पर तो मौजूद हैं पर उनका कोई अस्तित्व नहीं है।
लाकोटाह- यह देश उत्तरी
अमेरिका में स्थित है। इसकी सीमाएं संयुक्त राष्ट्र, उत्तरी दकोटा, दक्षिणी दकोटा, नेब्रास्का, व्योमिंग और मोन्टाना को छूती हैं। इसके सीमा का निर्धारण
संयुक्त राष्ट्र और लकोटा की सरकार ने 1851 में हुई फोर्ट लैरामी संधि के दौरान
निर्धारित की गई थी।
यह देश करीब 2 लाख वर्ग किमी में फैला है। लाकोटाह में अंग्रेजी और वहां की
स्थानीय भाषा बोली जाती है। यह देश खुद का पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस भी जारी
करने का विचार कर रही है।
बोरोट्सीलैंड- यह देश अफ्रीका
महाद्वीप में स्थित है। इसकी सीमाएं नामिबिया, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, जांबिया और अंगोला को छूती हैं। यह लोजी या बोरोत्से लोगों की
मातृभूमि है। यहां पर करीब 20 तरह की जनजातियों के लोग रहते हैं।
बोरोट्सीलैंड करीब 126,386 वर्ग किमी में फैला हुआ है। बोरोट्सीलैंड में सिलोजी और
अंग्रेजी के अलावा 37 जनजातीय भाषाएं
बोली जाती हैं।
हट रिवर- यह देश ऑस्ट्रेलिया में स्थित हैं। यह इतना छोटा है कि इसे
विश्व मानचित्र पर देख पाना काफी मुश्किल है। इसने 21 अप्रैल 1970 में खुद को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया गया था। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया समेत कई राष्ट्रों ने इसे
स्वतंत्र मान्यता देने से इनकार कर दिया।
हट रिवर देश महज 75 वर्ग किमी में ही सीमित है। यह देश पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के एक
शहर नॉर्थेम्प्टन से काफी नजदीक है। यहां बातचीत के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग
किया जाता है।
फॉर्विक- यह देश यूरोप के
शेटलैंड द्वीप में स्थित है। विश्व मानचित्र पर इसका वजूद ना के बराबर ही है। इसका
गठन 2008 में कुछ द्वीपों
को लेकर हुए विवाद के बीच किया गया था जिसे कभी मान्यता नहीं मिली।
यह देश महज 0.01 वर्ग किमी में सीमित है। अंग्रेजी यहां की मुख्य भाषा है। इस
देश का खुद का झंडा भी है।
क्रिस्टियाना- क्रिस्टियाना को
मुक्त शहर क्रिस्टियाना के नाम से भी जाना जाता है जो महज 850 निवासियों द्वारा स्वघोषित राष्ट्र है
जो डेनमार्क की राजधानी कोपेनहैगेन में ही स्थित है। कोपेनहैगेन के अधिकारियों के
मुताबिक क्रिस्टियाना महज एक धर्म-समुदाय के लोगों का स्थान है।
क्रिस्टियाना का क्षेत्रफल करीब 0.34 वर्ग किमी ही है। जिसमें उनके बनाए
नियम और कानून ही लागू होते हैं जो उन्होंने 1989 में बनाए थे। यहां के लोग डैनिश भाषा बोलते हैं। ये दुनिया के
वो देश हैं जो नक्शे पर तो दिखाई देते हैं पर इनका अस्तित्व नहीं है।
साभार अमरउजाला