वैज्ञानिकों ने खोजा अमर
जीव - हाइड्रा
क्या
आपने कभी सुना है कि कोई प्राणी हमेशा जीवित रह सकता है। यह बात हैरान करने वाली
जरूर है, लेकिन
बिल्कुल सच है। ताजे पानी में पाया जाने वाला छोटा हाइड्रा आदर्श परिस्थितियों में
हमेशा जीवित रह सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि यह हाइड्रा एक सेंटीमीटर
लंबा होता है। इसकी उम्र अज्ञात है। आदर्श परिस्थितियों में उम्र के किसी असर के
बगैर यह लगातार जीवित रह सकता है। हालांकि परिपक्वता के बाद इसकी प्रजनन क्षमता
में गिरावट होती है।
वैज्ञानिकों का मत है कि यह सभी बहुकोशिकीय प्राणियों में अपरिहार्य हो सकता है। अमेरिका के पोमोना कॉलेज में प्राध्यापक डेनियल मार्टिनेज के अनुसार, मेरा विश्वास है कि हाइड्रा अनुकूल परिस्थितियों में हमेशा जीवित रह सकते हैं। मैंने अपने मूल अध्ययन की शुरुआत इस धारणा से की थी कि हाइड्रा बुढ़ापे के असर से अछूते नहीं हैं, लेकिन मुझे मेरे अपने आंकड़ों ने दो बार गलत साबित किया।
उन्होंने कहा, हालांकि हाइड्रा के हमेशा जीवित रहने की संभावना काफी कम होती है, क्योंकि इन पर कई जानवरों द्वारा शिकार, संदूषण और रोगों का खतरा मंडराता रहता है। इस परीक्षण के लिए प्रत्येक हाइड्रा को अलग डिश (बर्तन) में रखा गया। इन्हें आहार के तौर पर सप्ताह में तीन बार झींगे का बच्चा खिलाया गया। इन्हें जिस पानी में रखा गया, उसे भी सप्ताह में तीन बार बदला गया।
मार्टिनेज बताते हैं कि इस परीक्षण के दौरान यह सब करने में कई घंटे बीत जाते थे, लेकिन मुझे उम्मीद थी कि इस परीक्षण से दूसरे वैज्ञानिकों को भी अमरत्व की खोज करने की प्रेरणा मिलेगी। मार्टिनेज बताते हैं कि हाइड्रा का मूल शरीर (स्टेम) कोशिकाओं से बना होता है, जिसमें बहुत ही कम विभाजन कोशिकाएं होती हैं। क्योंकि मूल कोशिकाएं लगातार विभाजित होकर नई कोशिकाएं बनाने में सक्षम होती हैं। इसलिए हाइड्रा के शरीर में लगातार नई कोशिकाओं के निर्माण से वह सदा एक-सा बना रहने में सक्षम होता है। यह अध्ययन 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
वैज्ञानिकों का मत है कि यह सभी बहुकोशिकीय प्राणियों में अपरिहार्य हो सकता है। अमेरिका के पोमोना कॉलेज में प्राध्यापक डेनियल मार्टिनेज के अनुसार, मेरा विश्वास है कि हाइड्रा अनुकूल परिस्थितियों में हमेशा जीवित रह सकते हैं। मैंने अपने मूल अध्ययन की शुरुआत इस धारणा से की थी कि हाइड्रा बुढ़ापे के असर से अछूते नहीं हैं, लेकिन मुझे मेरे अपने आंकड़ों ने दो बार गलत साबित किया।
उन्होंने कहा, हालांकि हाइड्रा के हमेशा जीवित रहने की संभावना काफी कम होती है, क्योंकि इन पर कई जानवरों द्वारा शिकार, संदूषण और रोगों का खतरा मंडराता रहता है। इस परीक्षण के लिए प्रत्येक हाइड्रा को अलग डिश (बर्तन) में रखा गया। इन्हें आहार के तौर पर सप्ताह में तीन बार झींगे का बच्चा खिलाया गया। इन्हें जिस पानी में रखा गया, उसे भी सप्ताह में तीन बार बदला गया।
मार्टिनेज बताते हैं कि इस परीक्षण के दौरान यह सब करने में कई घंटे बीत जाते थे, लेकिन मुझे उम्मीद थी कि इस परीक्षण से दूसरे वैज्ञानिकों को भी अमरत्व की खोज करने की प्रेरणा मिलेगी। मार्टिनेज बताते हैं कि हाइड्रा का मूल शरीर (स्टेम) कोशिकाओं से बना होता है, जिसमें बहुत ही कम विभाजन कोशिकाएं होती हैं। क्योंकि मूल कोशिकाएं लगातार विभाजित होकर नई कोशिकाएं बनाने में सक्षम होती हैं। इसलिए हाइड्रा के शरीर में लगातार नई कोशिकाओं के निर्माण से वह सदा एक-सा बना रहने में सक्षम होता है। यह अध्ययन 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
साभार हिदुस्तान