Wednesday, November 27, 2013


क्यों दूर हो रहे हैं मां-बाप से बच्चे?

Nov 26, 2013, 09.00AM IST

पैरेंट्स की लाइफ प्रफेशनल हो गई है और बच्चों की हाईटेक। ऑफिस में ज्यादा वक्त देने की वजह से पैरेंट्स के पास बच्चों के लिए काफी कम समय बचता है। ऐसे में बच्चे टेक्नॉलजी के करीब होते जा रहे हैं। या फिर कई बार वे नौकरों और हेल्पर्स के साथ इतना घुल-मिल जाते हैं कि उनका पैरेंट्स से लगाव खत्म हो जाता है। वे सोशल साइट्स पर नए फ्रेंड्स तलाशना शुरू कर देते हैं और कभी-कभी उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। दूसरी तरफ पैरेंट्स यह तर्क देते हैं कि वे बच्चों को वह हर चीज देते हैं जिनकी वे फरमाइश करते हैं। क्या आप ऐसा मानते हैं कि दोनों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं?

ऐसा नहीं है कि मां-बाप से बच्चे दूर हो रहे हैं। मगर मेट्रो शहरों में पैरेंट्स बिजी रहते हैं। वहां महंगाई ज्यादा है इसलिए दोनों को जॉब करनी पड़ती है। फिर भी बच्चों के साथ टाइम बिताते हैं।

-योगेश खीची, विकास नगर

लोगों की ख्वाहिशें बढ़ गई हैं उसके साथ काम भी। इसके लिए उन्हें ओवरटाइम या ऑफिस में मीटिंग के लिए देर तक भी रुकना पड़ता है। लेकिन बच्चों के लिए वे टाइम निकालते हैं।

-यशिका बजाज, गोमती नगर

मां-बाप बच्चों की सभी ख्वाहिशें पूरी करते हैं और अपना ज्यादातर समय उनके साथ बिताना चाहते हैं लेकिन बिजी लाइफ शेड्यूल की वजह से कई बार वे एेसा नहीं कर पाते।

-अरुणजीत घोष ,चौक

आजकल पैरेंट्स के पास वाकई बच्चों के लिए वक्त नहीं है। इसी वजह से बच्चे अक्सर विडियो गेम्स और सोशल साइट्स पर कम उम्र में ही अकाउंट बना लेते हैं इससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ता है।

-शिवानी सबलोक ,सरोजिनी नगर

अब पैरेंट्स बच्चों की सारी ख्वाहिश पूरी करने के बारे में ही सोचते हैं लेकिन वे उनके लिए वक्त नहीं निकाल पाते। यह न्यूक्लियर फैमिली में रहने का नतीजा है।

-नेहा सेठी ,अमीनाबाद

पैरेंट्स बच्चों के लिए महंगे ट्यूशन तो लगा देते हैं लेकिन उनके होमवर्क या बाकी एक्टिविटीज में पीछे रहते हैं। कई पैरेंट्स को बच्चों को संभालने के लिए नौकर भी रखते हैं।

- अंकित सॉनिक , आलमबाग

साभार नवभारत टाइम्स

prathamik shikshak

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