देशभक्ति में डूबे नारों का इतिहास –
देश में भारत माता की जय को लेकर
जमकर राजनीतिक खींचतान जारी है. भागवत से लेकर ओवैसी तक और कांग्रेस से लेकर
जेडीयू तक सभी अपने-अपने पक्षों के साथ इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. नारों के
सीज़न में जानिए देश को किसने दिए कौन से चर्चित नारे...
भारत माता की जय
किसने दिया: किरन चंद्र
बंधोपाध्याय ने भारत माता नाटक के दौरान ये नारा दिया पहली बार इस्तेमाल: 1873 में नाटक मंचन के दौरान पहली बार इसका इस्तेमाल हुआ और बाद
में आज़ादी आंदोलन के दौरान लोकप्रिय हुआ
वंदे मातरम
किसने दिया: बंकिम चंद्र
चट्टोपाध्याय ने अपने उपन्यास आनंद मठ में साल 1882 में इस शब्द
का इस्तेमाल किया पहली बार इस्तेमाल: रवींद्रनाथ टैगोर ने साल 1896 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अधिवेशन में इसका इस्तेमाल
किया. अब ये राष्ट्रीय गीत है और हर राष्ट्रवादी कार्यक्रम में लगने वाला प्रमुख
नारा है
जय जवान, जय किसान
किसने दिया: लाल बहादुर शास्त्री
पहली बार इस्तेमाल: साल 1965 में दिल्ली में हो रही एक जनसभा को संबोधित करते हुए
शास्त्री जी ने ये नारा दिया. अटल बिहारी वाजपेयी ने पोखरण विस्फोट के बाद इसमें
जय विज्ञान और जोड़ दिया
जय हिंद
किसने दिया: आज़ाद हिंद फौज के
मेजर आबिद हसन सफरानी कैसे लोकप्रिय हुआ: सुभाष चंद्र बोस ने इसे आज़ाद
हिंद फौज का आधिकारिक ध्येय वाक्य बनाया. आज़ादी के बाद पुलिस और सेना में भी अपना
लिया गया और आज के दौर में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला नारा बना
सत्यमेव जयते
कहां से लिया: मुंडक उपनिषद कैसे
लोकप्रिय हुआ: पंडित मदन मोहन मालवीय ने साल 1918 में इसका इस्तेमाल किया; इसके
बाद भारत के ध्येय वाक्य कै तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाने लगा
इंकलाब ज़िंदाबाद
किसने दिया: मौलाना हसरत मोहानी
पहली बार इस्तेमाल: 1929 में दिल्ली विधानसभा में भगत सिंह ने धमाका करने के बाद इस
नारे का इस्तेमाल किया. अब हर दल और छात्र नेता इसका इस्तेमाल करते हैं
करो या मरो
किसने दिया: महात्मा गांधी कैसे
लोकप्रिय हुआ: साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया
संपूर्ण क्रांति अब नारा है...
किसने दिया: जय प्रकाश नारायण कब
इस्तेमाल हुआ: इमरजेंसी के विरोध में 70 के दशक में जयप्रकाश नारायण ने ये
नारा दिया
ये दिल मांगे मोर
ये कोई राजनीतिक नारा नहीं बल्कि
पेप्सी ऐड की मशहूर लाइन थी. कारगिल युद्ध के दौरान शहीर विक्रम बत्रा ने
पाकिस्तान से लड़ते इसे और लोकप्रिय बनाया. 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान
नरेंद्र मोदी ने इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया
स्त्रोत: विकिपीडिया