तरह-तरह के
कैलेंडर
दुनिया भर में एक जनवरी को मनाया जाने
वाला नववर्ष दरअसल ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित है। दुनिया भर में तमाम कैलेंडर
हैं और हर कैलेंडर का नया साल अलग-अलग होता है। भारत में ही करीब 50 तरह के कैलेंडर (पंचांग) हैं, जिनमें कई का नया साल
अलग-अलग दिन होता है।
ग्रेगोरियन
कैलेंडर
यह दुनिया भर
में प्रचलित कैलेंडर है, जिसे पोप ग्रेगोरी तेरहवें ने 1582 में तैयार किया था। ग्रेगोरी ने इसमें लीप ईयर का प्रावधान किया था। इसके
तहत एक जनवरी से नये साल की शुरुआत होती है।
भारत के नए
साल
भारत में
विक्रम संवत, शक संवत, हिजरी संवत, फसली संवत, बांग्ला संवत, बौद्ध
संवत, जैन संवत, खालसा संवत, तमिल संवत, मलयालम संवत, तेलुगू
संवत आदि तमाम साल प्रचलित हैं।
विक्रम संवत
माना जाता है
कि विक्रम संवत, गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने उज्जयिनी
में शकों को पराजित करने की याद में शुरू किया था। यह संवत 58 ईसा पूर्व शुरू हुआ था। विक्रम संवत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा
से शुरू होता है।
शक संवत और
राष्ट्रीय संवत
शक सवंत को
शालिवाहन शक संवत के रूप में भी जाना जाता है। माना जाता है कि इसे शक सम्राट
कनिष्क ने 78 ईस्वी में शुरू किया था। स्वतंत्रता के बाद भारत
सरकार ने शक संवत में मामूली फेरबदल करते हुए इसे राष्ट्रीय संवत के रूप में अपना
लिया। राष्ट्रीय संवत का नव वर्ष 22 मार्च को होता है,
जबकि लीप ईयर में यह 21 मार्च होता है।
रोमन
कैलेंडर/जूलियन कैलेंडर
रोमन कैलेंडर
को सबसे पहला माना जाता है। पारंपरिक रोमन कैलेंडर का नववर्ष मार्च से शुरू होता
है।
हिजरी कैलेंडर
इस्लाम धर्म
के कैलेंडर को हिजरी साल के नाम से जाना जाता है। इसका नववर्ष मोहर्रम माह के पहले
दिन होता है।
चीनी कैलेंडर
पड़ोसी देश
चीन का भी अपना अलग कैलेंडर है। इसका नया साल 21 जनवरी से 21 फरवरी के बीच पड़ता है।
साभार
दैनिकजागरण