Saturday, January 24, 2015



वसंत हमारा शिक्षक है। उसे एक उत्सव की तरह मनाते हुए हम ये बातें सीख लें और अपने आचरण में उतार लें। वसंत परिवर्तन का शुभ संकेत लेकर आता है। हमें हर साल याद दिलाता है कि इस संसार में चीजें गिरती हैं तो उठती भी हैं। पतझड़ होता है तो नए अंकुर फूटते भी हैं। निराशा के बीच आशा लेकर आता है वसंत। आज हमें जो अंधकार दिखता है, उसके बीच में प्रकाश लेकर आता है वसंत। यह केवल पीला रंग नहीं है, हमने प्रतीक रूप में इसे समेटा है। प्रकृति के भिन्न-भिन्न रूपों और रंग-बिरंगी छटाओं को एक प्रतीक देकर, अपनी सीमा पहचानते हुए इस असीमित सज्जा को पीले रंग से ढक दिया है। लेकिन इसे खोलिए तो हमें प्रकृति की अभिनव छटाएं देखने को मिल जाएंगी।

prathamik shikshak

pathak diary