Saturday, January 17, 2015

कौन है मंदबुद्धि और कौन समझदार ?

कौन है मंदबुद्धि और कौन समझदार ?



एक स्टेडियम था। स्टेडियम में खेल चल रहे थे। भीड़ बहुत अधिक नहीं थी। आठ लड़कियां रेसिंग ट्रैक पर दौड़ने के लिए तैयार खड़ी थीं। रेडी.स्टेडी..बैंग घंटी की आवाज के साथ ही लड़कियों ने दौड़ना शुरू कर दिया। अभी उन्होंने 10 से 15 कदम ही तय किए थे कि एक लड़की का पैर फिसल गया और वह गिर गयी। वह दर्द में कराह रही थी। सातों लड़कियों ने  उसके रोने की आवाज सुनी और दौड़ना बंद कर दिया। पीछे मुड़कर उसे देखने लगीं और अंत में,  दौड़ते हुए उस लड़की के पास चली गयीं। सातों ने उसे उठाया,  उसे शांत करने लगीं और फिर सबने एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया। सब साथ चलती-दौड़ती रहीं। वे सातों एक समय पर जीत के निशान तक पहुंचीं। अधिकारी देखकर हैरत में थे। वहां बैठे लोगों की आंखें भर आयीं। 
ऐसा वास्तव में हुआ है। यह दौड़ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हैल्थ की ओर से आयोजित की गयी थी। सभी उम्मीदवार मंदबुद्धि थे। 
और उन्होंने सिखाया क्या ? समूह भावना,  मानवीयता,  खेल भावना,  प्यार,  देखभाल और समानता। 
हम और आप यदि इस जगह होते तो क्या ऐसा करते ?  
शायद नहीं,  कारण.. 
- हमारे पास दिमाग है.. 
- हममें अहंकार है.. 
- हममें एटीट्यूड है.. 
- हम व्यावहारिक हैं.. 


साभार हिंदुस्तान 

prathamik shikshak

pathak diary